पोषण आहार योजना में 110 करोड़ का घोटाला, परिवहन विभाग भी संलिप्त : मुकेश नायक

NEWS KAND DESK

मध्यप्रदेश सरकार कीपोषण आहार योजना में भ्रष्टाचार का खुलासा, सीएजी की रिपोर्ट में घोटाले के दस्तावेज सामने आए

प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक ने आज प्रदेश सरकार द्वारा संचालित पोषण आहार योजना में हुए भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सीएजी की रिपोर्ट में पोषण आहार योजना के तहत 110 करोड़ रुपए के घोटाले का खुलासा हुआ है। इसके साथ ही सीएजी ने रिपोर्ट में यह भी बताया कि इस घोटाले में परिवहन विभाग का भी हाथ है।

नायक ने बताया कि प्रदेश में 88119 स्कूलों में मिड-डे मील योजना के तहत 1 करोड़ 9 लाख बच्चे रजिस्टर्ड हैं। सीएजी की रिपोर्ट में यह सामने आया है कि मध्यप्रदेश सरकार ने इन बच्चों के लिए वर्ष 2024-25 में 2190 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की थी, जो भ्रष्टाचार का शिकार हो गई।

उन्होंने कहा, “मध्यप्रदेश में 453 बाल विकास परियोजनाओं के तहत 84465 आंगनबाड़ी केंद्र और 12670 मिनी आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हो रहे हैं। इन केंद्रों में 80 लाख बच्चों को पोषण आहार उपलब्ध कराने का दावा किया गया था।” सीएजी की रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि सरकार की ओर से 50 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार द्वारा दी जाती है, लेकिन कई मामलों में यह राशि सही तरीके से बच्चों तक नहीं पहुंची।

स्कूटर, मोटरसाइकिल के नंबरों से परिवहन का मामला, 110 करोड़ का घोटाला

नायक ने कहा कि सीएजी की रिपोर्ट में यह सामने आया है कि पोषण आहार सप्लाई के लिए परिवहन विभाग द्वारा स्कूटर और मोटरसाइकिल का उपयोग किया गया, जबकि इन वाहनों से सैकड़ों क्विंटल माल की सप्लाई का हवाला दिया गया। जांच में यह पाया गया कि ये वाहन कंडम हो चुके थे और वर्कशॉप में खड़े थे, फिर भी इनका उपयोग परिवहन के लिए दिखाया गया।

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने इस योजना के तहत 201 करोड़ रुपये का पुरस्कार भी लिया, लेकिन सीएजी की रिपोर्ट में बताया गया है कि यह पुरस्कार गलत तरीके से प्राप्त किया गया था। मध्यप्रदेश में यह योजना 1995 से लागू हुई थी, और इसके तहत बच्चों को हर दिन 100 से 150 ग्राम गेहूं या चावल देने का प्रावधान था। लेकिन बच्चों तक सही तरीके से पोषण आहार नहीं पहुंचा और योजनाओं में भारी भ्रष्टाचार हुआ।

कुपोषण के मामले में मध्यप्रदेश सबसे ऊपर, बच्चों की मौतों के आंकड़े चुपाए गए

नायक ने यह भी आरोप लगाया कि कुपोषण के मामले में मध्यप्रदेश देश में सबसे ऊपर है। उन्होंने कहा, “भारत में कुपोषण के मामले में नंबर एक पर है, वहीं मध्यप्रदेश में यह स्थिति और भी बदतर है। सरकार ने गलत आंकड़े प्रस्तुत कर पोषण आहार के नाम पर पुरस्कार लिया और 2000 करोड़ रुपये का फंड भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया।”

नायक ने आरोप लगाया कि योजना में रजिस्टर्ड बच्चों की मौतों के आंकड़े भी सरकार ने छुपाए हैं और योजनाओं को चलाने वाले प्रशासनिक अधिकारी ही बच्चों के पोषण आहार की राशि डकार गए हैं।

इस घोटाले के खुलासे के बाद कांग्रेस ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि वह इस भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जांच कराए और

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *