
तिवारी पर आरोप: गलत दस्तावेज़ के जरिए की नियुक्ति, विभाग की छवि को हुआ नुकसान
भोपाल। मुख्यमंत्री हेल्थ ऑफिसर (CMHO) प्रभाकर तिवारी के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग ने गंभीर कार्रवाई की चेतावनी दी है। विभाग ने तिवारी को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए उन्हें सात दिन के भीतर जवाब देने का आदेश दिया है। यह नोटिस बेरसिया सिविल अस्पताल में चिकित्सा अधिकारी के रूप में डॉ. प्रांजल खरे की नियुक्ति से जुड़ा हुआ है। विभाग ने तिवारी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने गलत दस्तावेज़ों के आधार पर खरे की नियुक्ति करवाई थी, जो बाद में निरस्त कर दी गई थी। इसके बावजूद, प्रभाकर तिवारी ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर खरे को वेतन दिलवाने की कोशिश की।
नियुक्ति के बाद विभागीय कार्रवाई के बावजूद वेतन दिलवाने की कोशिश
स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले में वित्तीय अनियमितताओं, कार्य में लापरवाही और विभाग की छवि को नुकसान पहुंचाने के गंभीर आरोप तिवारी पर लगाए हैं। विभाग के सूत्रों का कहना है कि तिवारी ने खरे की नियुक्ति को रद्द किए जाने के बावजूद, अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए उसे वेतन दिलवाने की कोशिश की। इसके कारण विभाग की कार्यप्रणाली और प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं।
एनएसयूआई ने की कार्रवाई की मांग, आरोपों को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया
एनएसयूआई प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने इस मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है और तिवारी की गिरफ्तारी की मांग की है। परमार ने कहा, “यह मामला सिर्फ एक नियुक्ति का नहीं, बल्कि स्वास्थ्य विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन का प्रतीक है।” उन्होंने आरोप लगाया कि विभाग में इस तरह की अनियमितताएं लगातार हो रही हैं, जिससे विभाग की साख पर सवाल उठ रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने तिवारी से मांगा 7 दिन में स्पष्टीकरण
स्वास्थ्य विभाग ने प्रभाकर तिवारी को जारी नोटिस में सात दिनों के भीतर इस पूरे मामले पर अपना स्पष्टीकरण देने के लिए कहा है। यदि तिवारी का जवाब संतोषजनक नहीं आता, तो विभाग उनकी खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर सकता है।
भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन की परतें हो रही उजागर
यह मामला केवल एक नियुक्ति का नहीं है, बल्कि स्वास्थ्य विभाग के अंदर चल रहे भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन की परतें भी उजागर कर रहा है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि यदि तिवारी का जवाब ठीक नहीं आया, तो मामले की गंभीरता को देखते हुए और भी कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
क्या तिवारी देंगे संतोषजनक जवाब?
इस मामले ने अब विभाग के कर्मचारियों के लिए भी एक बड़ा संदेश दिया है कि भविष्य में इस तरह की अनियमितताओं से बचा जाए। यह स्वास्थ्य विभाग की साख के लिए एक बड़ा संकट बन चुका है और अब देखना होगा कि प्रभाकर तिवारी अपने ऊपर लगे आरोपों का क्या जवाब देते हैं।
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