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14 Mar 2025, Fri

न्यूज़ कांड के लिए सीहोर से संतोष कुमार की रिपोर्ट

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एयर इंडिया की खराब सुविधाओं पर केंद्रीय मंत्री का सवाल

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को एयर इंडिया की फ्लाइट में टूटी सीट पर बैठकर यात्रा करनी पड़ी। यह घटना तब घटी जब शिवराज भोपाल से दिल्ली जा रहे थे। उन्होंने इस मामले को लेकर एयरलाइन की सुविधाओं पर सवाल उठाए हैं और इसकी आलोचना की है। इस घटना से जुड़ी एक पोस्ट में शिवराज ने बताया कि उन्हें फ्लाइट में टूटी हुई सीट पर बैठने का अनुभव हुआ, जिससे उन्हें discomfort का सामना करना पड़ा।

https://x.com/ChouhanShivraj/status/1893171300430225624

कांग्रेस और सपा का शिवराज पर निशाना

शिवराज सिंह चौहान की इस पोस्ट पर विभिन्न राजनैतिक प्रतिक्रियाएं भी सामने आईं। यूथ कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने सोशल मीडिया पर लिखा, “कुंभ जाने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को इनकी सरकार ट्रेनों में पैर रखने की जगह नहीं दे पाई, उनका दर्द नहीं हुआ? लेकिन मंत्री जी को विमान में टूटी कुर्सी मिलने का दर्द हुआ।” इस बयान ने शिवराज की आलोचना की और ये सवाल खड़ा किया कि क्या सरकार को आम लोगों की समस्याओं का उतना ही ध्यान नहीं है जितना कि एक मंत्री को अपने कष्ट का।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता यश भारतीय ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने X (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट किया, “हवाई सफर करने वालों के बहुत कष्ट हैं, लेकिन हर व्यक्ति ट्वीट नहीं कर सकता।” हालांकि बाद में उन्होंने अपनी यह पोस्ट डिलीट कर दी। इस बयान से यह संदेश मिला कि सपा ने इस मुद्दे पर कम प्रतिक्रिया दी, लेकिन यह भी समझाया कि क्या सिर्फ केंद्रीय मंत्री की समस्या को बढ़ा-चढ़ा कर पेश करना सही है।

एयर इंडिया और अन्य विमानन कंपनियों में खराब अनुभव

एयर इंडिया के साथ यह पहली बार नहीं है कि किसी यात्री को खराब सेवा का सामना करना पड़ा हो। इससे पहले, 6 महीने पहले एयर इंडिया ने साउथ अफ्रीका के पूर्व क्रिकेटर जॉन्टी रोड्स को भी टूटी सीट दी थी। जॉन्टी रोड्स को दिल्ली जाने के लिए मुंबई एयरपोर्ट पर बोर्डिंग से पहले लेटर साइन कराया गया था और फ्लाइट के लेट होने के कारण उन्हें डेढ़ घंटे तक एयरपोर्ट पर इंतजार भी करना पड़ा। बाद में एयर इंडिया को इस घटना के लिए माफी मांगनी पड़ी थी।

इसके अलावा, तीन साल पहले स्पाइसजेट की फ्लाइट में पानी टपकने की घटना भी सामने आई थी। मुंबई से जबलपुर जाने वाली स्पाइसजेट की फ्लाइट में पानी छत से टपक रहा था और इस पर सवार यात्री ने एयर होस्टेस और कैप्टन से इसकी शिकायत की, लेकिन उन्हें बताया गया कि “आप दूसरी सीट पर जाकर बैठ सकते हैं”। एयर होस्टेस ने इसे मामूली समस्या बताया और यात्री को शांत रहने की सलाह दी।

निष्कर्ष: विमानन कंपनियों के सुधार की आवश्यकता

इन घटनाओं से यह साफ होता है कि भारतीय विमानन कंपनियों के द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं में सुधार की आवश्यकता है। यात्रियों की सुरक्षा और आराम को प्राथमिकता देनी चाहिए। खासकर जब केंद्रीय मंत्री जैसे उच्च पदस्थ व्यक्ति भी इस तरह की समस्याओं का सामना करते हैं, तो यह संदेश जाता है कि सामान्य यात्री के लिए क्या स्थिति हो सकती है। ऐसे में विमानन कंपनियों को अपनी सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए कदम उठाने होंगे ताकि यात्रियों को आरामदायक और सुरक्षित यात्रा का अनुभव मिल सके।