टीम इंडिया: सितारे बहुत, स्थिरता नहीं! वर्ल्ड क्लास खिलाड़ी होने के बावजूद क्यों जूझ रही है भारतीय क्रिकेट टीम?

Share

नई दिल्ली। भारत में क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं, एक धर्म है। करोड़ों फैंस की भावनाएं इस टीम के प्रदर्शन से जुड़ी होती हैं। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में, खासकर ICC टूर्नामेंट्स में भारत की हार ने यह सवाल खड़ा कर दिया है: आखिर टीम इंडिया के साथ समस्या क्या है?

सुपरस्टारों से सजी टीम, लेकिन परिणाम निराशाजनक
भारतीय टीम में विराट कोहली, रोहित शर्मा, जसप्रीत बुमराह, और केएल राहुल जैसे विश्वस्तरीय खिलाड़ी हैं। फिर भी ICC ट्रॉफी पिछले एक दशक से हाथ नहीं लगी। 2023 के वनडे वर्ल्ड कप में टीम ने लीग स्टेज में सबको हराया, लेकिन फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के सामने बेबस दिखी।

एक ही प्लेइंग इलेवन पर निर्भरता
भारत अक्सर 2-3 ही प्रमुख खिलाड़ियों पर निर्भर नजर आता है। अगर वे नहीं चले, तो पूरी टीम लड़खड़ा जाती है। इसकी तुलना में इंग्लैंड या ऑस्ट्रेलिया जैसे देश फ्लेक्सिबल प्लेइंग इलेवन और मैच सिचुएशन के अनुसार रणनीति बदलने में माहिर हैं। भारत में चयन नीति अक्सर “नाम” के आधार पर होती है, “फॉर्म” के नहीं।

युवा खिलाड़ियों को मौका, लेकिन न संभालने की नीति
शुभमन गिल, यशस्वी जायसवाल, और रिंकू सिंह जैसे युवा सितारे चमक रहे हैं। लेकिन उन्हें लगातार मौके नहीं मिलते। IPL में जलवा दिखाने वाले कई खिलाड़ी जब इंटरनेशनल स्तर पर आते हैं, तो या तो जल्द ड्रॉप कर दिए जाते हैं या बेंच पर सड़ते हैं।

कैप्टेंसी का सवाल भी बना पहेली
T20 में हार्दिक पांड्या, वनडे-टेस्ट में रोहित शर्मा, और कभी-कभी केएल राहुल भी कप्तानी कर रहे हैं। यह “फॉर्मेट स्पेसिफिक कैप्टन” की थ्योरी अब भ्रमित करने लगी है। कप्तान का स्थायित्व टीम को दिशा देता है, जो भारत में कम दिखता है।

BCCI की भूमिका भी सवालों के घेरे में
भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) दुनिया का सबसे अमीर बोर्ड है, लेकिन उसकी चयन प्रक्रिया, कोचिंग नियुक्तियाँ और टीम मैनेजमेंट की पारदर्शिता अक्सर संदेह में रहती हैं। बड़े मैचों से पहले खिलाड़ियों की फिटनेस, मनोवैज्ञानिक तैयारी और टीम बॉन्डिंग पर उतना ध्यान नहीं दिया जाता, जितना होना चाहिए।

राह कहां से निकलेगी?
भारत के पास प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। जरूरत है एक स्पष्ट विजन, लचीली रणनीति और खिलाड़ियों पर भरोसे की। कोच और कप्तान को मिलकर एक दीर्घकालिक योजना बनानी होगी। सिर्फ घरेलू सीरीज जीतना अब काफी नहीं; अब लक्ष्य होना चाहिए *ICC ट्रॉफी, और उसके लिए *डगआउट से लेकर ड्रेसिंग रूम तक प्रोफेशनलिज्म लाना जरूरी है। टीम इंडिया के हालात उस राजा जैसे हो गए हैं, जिसके पास सेना भी है, संसाधन भी, लेकिन युद्ध नीति में कमजोरी है। अगर सही फैसले लिए गए, तो यह टीम फिर से विश्व क्रिकेट की सबसे बड़ी ताकत बन सकती है।

Scroll to Top