इंदौर (नव संवाददाता)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रेनेसां यूनिवर्सिटी में ‘कृष्ण तत्व’ सेमिनार में कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षाएं जीवन के हर कदम पर मार्गदर्शन करती हैं। श्रीकृष्ण का मटकी फोड़ना केवल बाललीला नहीं, बल्कि अत्याचारियों की रसद रोकने की रणनीति थी। मस्तक पर मोरपंख धारण करना और प्रकृति से प्रेम करना उनके मानवीय पक्ष को दर्शाता है। सुदामा से मित्रता और कंस वध के बाद उग्रसेन को सिंहासन सौंपना न्याय और निष्ठा का प्रतीक है। मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि श्रीकृष्ण का संदेश है कि छोटा से छोटा कार्य भी महत्व रखता है और समानता के अधिकार की स्थापना के लिए निरंतर संघर्ष करना चाहिए।
शिक्षा और रोजगार पर फोकस
मुख्यमंत्री यादव ने बताया कि राज्य सरकार ने श्रीकृष्ण के सिद्धांतों से प्रेरित होकर नई शिक्षा नीति बनाई है। यह नीति केवल नौकरी की ओर नहीं, बल्कि स्वरोजगार और उद्यमिता को भी प्रोत्साहित करती है। रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव से राज्य में करोड़ों का निवेश हो रहा है, जिससे लाखों रोजगार के अवसर सृजित हो रहे हैं।
विकास परियोजनाओं का जिक्र
मुख्यमंत्री ने पार्वती-कालीसिंध-चंबल (पीकेसी) और केन-बेतवा जैसी प्रमुख परियोजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य सरकार संतुलित विकास के लिए प्रतिबद्ध है। धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों के विकास पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
छात्रों से संवाद

मुख्यमंत्री यादव ने छात्रों से बातचीत की और भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से प्रेरणा लेकर जीवन में आगे बढ़ने की सीख दी। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण का जीवन त्याग, सेवा और न्याय का प्रतीक है, जो युवाओं को जीवन में सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।
सेमिनार में जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, सांसद शंकर लालवानी, विधायक गोलू शुक्ला, रमेश मेंदोला, मनोज पटेल, कुलाधिपति स्वप्निल कोठारी और सुमित मिश्रा भी मौजूद थे।