आदित्य बेडवाल, संवाददाता, न्यूज कांड, सीहोर
कुबेरेश्वरधाम में श्रद्धा और आस्था का अद्भुत संगम

मध्यप्रदेश के सीहोर जिले में स्थित चितावलिया हेमा में चल रहे सात दिवसीय रुद्राक्ष महोत्सव के पांचवे दिन लाखों श्रद्धालुओं ने भगवान शिव की पूजा-अर्चना की। यह महोत्सव मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में आयोजित किया जा रहा है, जहां पंडित प्रदीप मिश्रा शिव महापुराण कथा सुना रहे हैं। श्रद्धालु बड़ी संख्या में आस्था और उत्साह के साथ इस धार्मिक आयोजन में शामिल हो रहे हैं। इस दौरान मंदिर परिसर में विशेष व्यवस्था की गई है, जिसमें श्रद्धालुओं के लिए भोजन, पेयजल, और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। रुद्राक्ष महोत्सव न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह समाज में परोपकार, श्रद्धा, और आस्था का संदेश भी फैलाता है। पंडित प्रदीप मिश्रा की शिव महापुराण कथा ने लाखों श्रद्धालुओं को जीवन के महत्वपूर्ण पाठ सिखाए, और साथ ही इस महोत्सव ने सभी को परोपकार और एकता की भावना से जोड़ा।
श्रद्धालुओं के लिए भव्य आयोजन

रुद्राक्ष महोत्सव के दौरान, मंदिर परिसर में लाखों श्रद्धालु शिव महापुराण की कथा सुनने के लिए उमड़ रहे हैं। कथा कार्यक्रम में 50 क्विंटल आटे की चपाती, 20 किलो बालुशाही मिठाई, 40 क्विंटल खिचड़ी, 20 क्विंटल चावल और 10 क्विंटल नुक्ती दही की ठंडाई बांटी जा रही है। इसके अलावा, 50 से अधिक पानी के टैंकर और 35 से अधिक मेडिकल स्टाफ की व्यवस्था की गई है, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
फुलेरा दूज पर श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब
फुलेरा दूज के दिन, श्रद्धालुओं ने कुबेरेश्वरधाम में निर्मित शिवलिंग पर लाखों श्रद्धालुओं ने जल और धतूरा अर्पित किया। इस दौरान भक्तों की संख्या रात भर लगातार बढ़ती रही, और मंदिर परिसर श्रद्धा और आस्था से भर गया। पंडित प्रदीप मिश्रा ने बताया कि भगवान शिव को जल और धतूरा अर्पित करने से भक्तों की मनोकामनाएं शीघ्र पूरी होती हैं।
गर्मी के बीच पेयजल और ठंडाई का वितरण
गर्मी को देखते हुए, रुद्राक्ष महोत्सव के आयोजकों ने श्रद्धालुओं के लिए हजारों लीटर पेयजल और ठंडाई का वितरण किया। इसके अलावा, रात के समय भोजन की व्यवस्था भी की गई, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो।
आध्यात्मिक संदेश और परोपकार का महत्व
पंडित प्रदीप मिश्रा ने अपनी कथा में परोपकार और भगवान की पूजा के महत्व को समझाया। उन्होंने कहा कि भगवान शिव की पूजा से मन को शांति मिलती है, लेकिन जरूरतमंदों की मदद करना सबसे बड़ा पुण्य है। उन्होंने कहा कि अगर हमारे पास धन, समय या वस्तुएं हैं, तो हमें किसी भी रूप में जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए। दान करते समय घमंड नहीं करना चाहिए, क्योंकि परोपकार से बढ़कर कोई पुण्य नहीं है।
कथा में उपस्थित श्रद्धालुओं को मिले जीवन के महत्वपूर्ण संदेश
पंडित प्रदीप मिश्रा ने अपनी कथा में शिव पुराण के महत्व और भगवान शिव की कृपा को विस्तृत रूप से बताया। उन्होंने कहा कि शिव कथा का स्थल कैलाश का प्रतीक होता है और इस स्थल पर बैठने से जीवन में सकारात्मक बदलाव आता है। उन्होंने भक्तों को बताया कि भगवान शिव की पूजा में एक लोटा जल और बेलपत्र अर्पित करना बेहद लाभकारी है, और यह पुण्य जीवन भर रहता है।
समापन के दिन का आयोजन
रुद्राक्ष महोत्सव का समापन तीन मार्च को भव्य रूप से होगा। इस दिन सुबह मंदिर परिसर में शिवलिंग का वैदिक मंत्रों से अभिषेक किया जाएगा और शिव महापुराण की कथा सुबह 8 बजे से शुरू होगी। इस दौरान श्रद्धालुओं के लिए विशेष आयोजन किए जाएंगे, ताकि वे इस पवित्र अवसर का लाभ उठा सकें।