इंदौर (नव संवाददाता)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश देश के मध्य में स्थित होने, श्रमिकों की उपलब्धता, सरल प्रशासनिक प्रक्रियाओं और बेहतर परिवहन सुविधाओं के कारण औद्योगिक निवेश के लिए सबसे अनुकूल राज्य है। उन्होंने कहा कि गुजरात हमारे लिए आदर्श है और मध्यप्रदेश भी उसी तर्ज पर उद्योगों के विकास के मार्ग पर अग्रसर है। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार की शाम इंदौर में आयोजित टेक्सटाइल एक्सपो में यह बात कही।
रायसेन में रेल कोच निर्माण इकाई की स्थापना
मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि हाल ही में बेंगलुरु में भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (बीईएमएल) द्वारा रायसेन जिले में मेट्रो और रेल कोच निर्माण इकाई की स्थापना के लिए 60.063 हेक्टेयर भूमि आवंटन का निर्णय त्वरित रूप से लिया गया। यह राज्य की उद्योग संवर्धन और निवेश वृद्धि की पारदर्शी नीति का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
उद्योगों के लिए विशेष नीतियां
प्रमुख सचिव, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन राघवेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि प्रदेश में एक समर्थ, अनुकूल और प्रतिस्पर्धी औद्योगिक वातावरण विकसित किया गया है। यहां 4 औद्योगिक कॉरिडोर संचालित हो रहे हैं और एक प्रस्तावित है। इसके अलावा 6 इनलैंड कंटेनर डिपो (ICD), NIFT भोपाल, NID भोपाल, IITDM जबलपुर और ग्लोबल स्किल्स पार्क जैसे राष्ट्रीय स्तरीय संस्थानों की उपस्थिति से प्रदेश एक सशक्त मूल्य श्रृंखला विकसित करने में सक्षम है।
टेक्सटाइल क्षेत्र में विशेष प्रोत्साहन
सिंह ने कहा कि प्रदेश में टेक्सटाइल क्षेत्र के लिए विशेष अवस्थापना सुविधाएं विकसित की गई हैं, जिनमें पानी की प्रचुर उपलब्धता, SCADA-नियंत्रित यूटिलिटीज, ज़ीरो लिक्विड डिस्चार्ज (ZLD) युक्त कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (CETP), 220 केवी का सब स्टेशन और 20 एमएलडी पानी की आपूर्ति शामिल है। धार में स्थापित प्रधानमंत्री मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल (PM MITRA) पार्क देश का सबसे लागत-कुशल और उच्चतम रिटर्न देने वाला इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल पार्क बनने की दिशा में अग्रसर है।
निवेश संवर्धन के नए प्रयास
मुख्यमंत्री यादव ने बताया कि मध्यप्रदेश में गत वर्ष सभी संभागों में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित किए गए थे। इसके बाद इस वर्ष भोपाल में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का सफल आयोजन हुआ, जिससे 30 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश लाने में सफलता मिली है। विभिन्न सेक्टरों को ध्यान में रखकर उद्योग संवर्धन कार्यक्रम निरंतर चलाए जा रहे हैं।
मध्यप्रदेश का औद्योगिक महत्व
मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में आने वाले उद्योगपति यहीं के होकर रह जाते हैं। प्रदेश का औद्योगिक विकास केवल आर्थिक वृद्धि तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सामाजिक समृद्धि और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि कारखाने हमारे लिए मंदिर की तरह हैं, जो बड़े वर्ग को लाभान्वित करने के पवित्र भाव से संचालित होते हैं।
प्राकृतिक संसाधनों का लाभ
प्रमुख सचिव सिंह ने कहा कि राज्य न केवल पॉवर सरप्लस है, बल्कि कुल विद्युत आपूर्ति में 30 प्रतिशत हरित ऊर्जा का योगदान है। MSME विकास नीति 2025 के अंतर्गत निर्यात और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए भी व्यापक सहायता प्रावधान किए गए हैं।
सेमिनार में उद्योग जगत के दिग्गजों की उपस्थिति
कार्यक्रम में मेटेक्सिल के चेयरमैन शालीन तोशनीवाल, एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर ए. रवि कुमार और पूर्व चेयरमैन संजीव सरन भी उपस्थित थे। सेमिनार में देशभर से आए टेक्सटाइल उद्योग के विशेषज्ञों ने मैनमेड फाइबर टेक्सटाइल, होम टेक्सटाइल और टेक्निकल टेक्सटाइल के निर्यात की संभावनाओं पर विचार-विमर्श किया।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के औद्योगिक योगदान और पर्यावरणीय दृष्टिकोण को सम्मानित करते हुए मेटेक्सिल के चेयरमैन शालीन तोशनीवाल ने स्मृति चिन्ह और अंगवस्त्र भेंट किए। साथ ही 25 पौधे महाराष्ट्र में रोपण कर उन्हें जीवित रखने का संकल्प-पत्र भी सौंपा।