सामुदायिक सहभागिता से मिल रही है मजबूती
इस अभियान में जनभागीदारी को भी प्रमुखता दी जा रही है। सीहोर जिले में जन अभियान परिषद ने प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में जल संरक्षण जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें विद्यार्थियों और नागरिकों को जल संरक्षण की शपथ दिलाई गई। बुधनी में मांजरकुई गांव में जन अभियान परिषद के सदस्यों ने तालाबों की सफाई और गहरीकरण के लिए श्रमदान किया। शहडोल जिले में ‘आओ बचाएं जल, करें सुरक्षित कल’ और ‘पानी बचाओ कल के लिए’ जैसे नारों के साथ जन अभियान परिषद, समाजसेवियों और ग्रामीणों ने तालाबों के पुनरुद्धार, नालों की सफाई और नए खेत तालाबों के निर्माण में उत्साहपूर्वक भाग लिया। जयसिंहनगर के कतिरा गांव में बोरी बंधान और नदी-नाला सफाई में जनप्रतिनिधियों और समाजसेवियों ने श्रमदान कर एक मिसाल पेश की। इसी तरह, बुढार के कुम्हारी, कदमहा, गिरवा और मझौली में भी जल संरक्षण के लिए तालाब निर्माण किया गया। इस अभियान का उद्देश्य न केवल जल संरक्षण है, बल्कि समाज में जल के प्रति जागरूकता और संवेदनशीलता बढ़ाना भी है। इस प्रयास से जल संकट की समस्या का स्थायी समाधान और नदियों का दीर्घकालिक पुनर्जीवन सुनिश्चित होगा।