पुलिस को मिला बाल संरक्षण कानूनों पर प्रशिक्षण, पॉक्सो और किशोर न्याय अधिनियम पर हुई गहन चर्चा

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भोपाल, 24 मई 2025।
बाल संरक्षण, अपराध अनुसंधान और थानों में अभिलेख संधारण की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए जोन-3 में तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन और अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त श्रीमती शालिनी दीक्षित के समन्वय से यह प्रशिक्षण शुरू हुआ, जिसमें किशोर न्याय अधिनियम और पॉक्सो अधिनियम की बारीकियों पर चर्चा की गई।

कार्यशाला के पहले दिन जोन-3 के सहायक पुलिस आयुक्त श्री अनिल वाजपेई, 3 थानों के थाना प्रभारियों समेत कुल 80 पुलिस अधिकारियों ने भाग लिया। इसके अलावा बाल अधिकारों के क्षेत्र में कार्यरत संस्थाएं जैसे ‘आरम्भ’ से अर्चना सहाय, ‘आवाज’ से प्रशांत दुबे और ‘बचपन’ से लक्ष्मी कुशवाहा व उनकी टीमें भी उपस्थित रहीं।

किशोर न्याय अधिनियम के तहत अर्चना सहाय ने बच्चों की उम्र पर संदेह की स्थिति में अपनाई जाने वाली प्रक्रिया, बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों की भूमिका और किशोर न्याय बोर्ड व विशेष किशोर पुलिस इकाई के समन्वय पर प्रकाश डाला।

वहीं, पॉक्सो अधिनियम पर बोलते हुए प्रशांत दुबे ने सपोर्ट पर्सन की अहम भूमिका, बाल कल्याण समिति की प्रक्रिया, पीड़ित बच्चों को मिलने वाली सुविधाएं और पुनर्वास प्रक्रिया पर विस्तृत चर्चा की।

प्रशिक्षण में भाग लेने वाले पुलिस अधिकारियों ने सकारात्मक भागीदारी निभाई और व्यावहारिक अनुभवों पर आधारित प्रश्नों के माध्यम से सत्र को और भी उपयोगी बनाया।

यह कार्यशाला 25 और 26 मई को भी जारी रहेगी, जिसमें जोन-3 के अन्य थानों के पुलिस अधिकारियों को शामिल किया जाएगा। आयोजन का उद्देश्य बच्चों से जुड़े मामलों में पुलिस की संवेदनशीलता और दक्षता को बढ़ाना है।

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