भोपाल, 23 मई 2025।
मध्यप्रदेश में निवेश को लेकर सरकार की घोषणाएं केवल दावे और दिखावे तक सीमित रह गई हैं। नेता प्रतिपक्ष श्री उमंग सिंघार ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा बेंगलुरु में आयोजित ‘इनवेस्ट इन एमपी’ कार्यक्रम में किए गए करोड़ों रुपये के निवेश वादे धरातल से कोसों दूर हैं।
उन्होंने कहा, “मध्यप्रदेश में निवेश सम्मेलन ऐसे हैं जैसे शादी के कार्ड बांटे जाएं, लेकिन दूल्हा-दुल्हन का पता ही न हो।” मुख्यमंत्री ने 14 मई को बेंगलुरु में 7,935 करोड़ रुपये के निवेश और करीब 19,000 नौकरियों के वादे किए थे, लेकिन प्रदेश की सच्चाई इससे बिल्कुल अलग है।
उमंग सिंघार ने बताया कि सरकार द्वारा घोषित 30.77 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव केवल कागजों में हैं और इनमें से कितने धरातल पर आए हैं, इसका कोई जवाब नहीं मिल रहा। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) सिर्फ़ एक इवेंट मैनेजमेंट है या प्रदेश के वास्तविक विकास का साधन।
FDI के मामले में मध्यप्रदेश की स्थिति बेहद खराब है। 2019 से 2024 के बीच प्रदेश को देश भर में सिर्फ 0.22% का राष्ट्रीय हिस्सा मिला है। प्रदेश 15वें स्थान पर है, जबकि महाराष्ट्र को ₹6.71 लाख करोड़ और कर्नाटक को ₹4.27 लाख करोड़ का FDI मिला है। इस संदर्भ में उमंग सिंघार ने सरकार से पूछा कि क्या वह व्यापार सुगमता बढ़ाने के लिए ठोस नीतिगत सुधार कर रही है।
MSME सेक्टर की ओर भी सरकार की उदासीनता सामने आई है। प्रदेश में करीब 18 लाख माइक्रो, स्मॉल और मीडियम उद्यम हैं, लेकिन इनके लिए आवंटित बजट मात्र ₹1785 करोड़ है, जो बेहद कम है। उन्होंने कहा, “जब मुख्यमंत्री देश से निवेश ला रहे हैं, तब प्रदेश के अपने उद्यमियों को नजरअंदाज करना विकास की तो बात नहीं।”
रिपोर्टों के अनुसार आर्थिक सर्वेक्षण 2023 में मध्यप्रदेश का निवेश और विकास के मामले में देश में 10वां स्थान है। एक्सपोर्ट प्रिपेयरनेस इंडेक्स 2022 में भी प्रदेश 10वें और इंडिया टुडे की रिपोर्ट में 12वें स्थान पर है। उमंग सिंघार ने कहा, “अगर समिट से निवेश सच में आता, तो मध्यप्रदेश टॉप 5 में होता।”
विश्व आर्थिक मंच (WEF) के दावोस 2025 में भी मध्यप्रदेश सरकार नदारद रही, जबकि महाराष्ट्र, तेलंगाना, केरल को आमंत्रण मिला और उन्हें भारी निवेश प्रस्ताव भी मिले। इस पर नेता प्रतिपक्ष ने सवाल किया कि प्रदेश की सरकार दुनिया के बड़े निवेशकों के सामने खुद को क्यों पेश नहीं कर पाई।
आईटी और स्टार्टअप क्षेत्र में भी मध्यप्रदेश पिछड़ रहा है। मार्च 2025 की आउटलक बिजनेस की रैंकिंग में प्रदेश 15वें स्थान पर है, जबकि भोपाल और इंदौर जैसे बड़े शहर बेंगलुरु, पुणे, चेन्नई से कोसों पीछे हैं। पढ़े-लिखे युवा रोजगार की तलाश में प्रदेश छोड़ रहे हैं, जो विकास की सबसे बड़ी विफलता है।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार का कहना है कि प्रदेश सरकार को झूठी ब्रांडिंग और सतही दिखावे से हटकर वास्तविक निवेश और रोजगार पैदा करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। तभी मध्यप्रदेश का विकास हो सकेगा और युवा प्रदेश में ही सुरक्षित रोजगार पा सकेंगे।