शीतलदास की बगिया में सफाई अभियान में किया श्रमदान, बड़ा बाग की बावड़ी के जीर्णोद्धार कार्य का किया निरीक्षण
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार सुबह भोपाल स्थित शीतलदास की बगिया पहुंचकर ‘जल गंगा संवर्धन अभियान’ के तहत बड़े तालाब के घाटों की सफाई में श्रमदान किया और सफाई मित्रों का सम्मान कर उन्हें “सफाई दूत” निरुपित किया। उन्होंने सफाई नौका में बैठकर घाट की सफाई कर रहे कर्मियों से चर्चा की और उनका उत्साहवर्धन किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल संरक्षण केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि पूरे समाज, हर वर्ग और हर नागरिक की सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि जल की हर बूंद में जीवन है, अमृत है और भविष्य भी समाया है। जल को बचाना आज की जरूरत ही नहीं, बल्कि आने वाले कल के लिए हमारी जिम्मेदारी भी है। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि जल स्रोतों की स्वच्छता और संरक्षण को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं।
बड़ा बाग की बावड़ी का निरीक्षण, गुणवत्ता और समय-सीमा में कार्य पूर्ण करने के निर्देश
श्रमदान के पश्चात मुख्यमंत्री बड़ा बाग स्थित ऐतिहासिक तीन मंजिला पुरानी बावड़ी पहुंचे। यहां नगर निगम द्वारा किए जा रहे जीर्णोद्धार कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी कार्य पूरी गुणवत्ता और तय समय-सीमा में पूरे किए जाएं। डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार “विरासत से विकास” की सोच के साथ पुरानी जल संरचनाओं को पुनर्जीवित करने और संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने अद्भुत जल संरचनाएं बनाईं, जो न सिर्फ जल संरक्षण का उदाहरण हैं बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर भी हैं। आज की पीढ़ी की जिम्मेदारी है कि इन ऐतिहासिक स्रोतों को पुनर्जीवित कर आने वाली पीढ़ियों के लिए संजोकर रखा जाए।
बावड़ी से निकाला गया 40 क्यूबिक मीटर सिल्ट, आवक क्षमता बढ़कर हुई 2000 लीटर प्रति घंटा
नगर निगम आयुक्त ने जानकारी दी कि नगर निगम भोपाल द्वारा जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत बड़े बाग की इस 200 वर्ष पुरानी बावड़ी की सफाई की गई, जिसमें लगभग 40 क्यूबिक मीटर सिल्ट और प्लास्टिक वेस्ट निकाला गया। दीवारों पर उगी हानिकारक खरपतवार को हटाया गया, जिससे बावड़ी की जल आवक क्षमता बढ़कर 2000 लीटर प्रति घंटा हो गई है। फिलहाल इस जल का उपयोग निस्तार कार्यों में किया जा रहा है।
इसके अतिरिक्त बावड़ी की दीवारों और सीढ़ियों की मरम्मत, रंगाई-पुताई, पलेग स्टोन बिछाने और लोहे की जाली लगाने का कार्य भी किया गया है, जिससे इसकी संरचना और उपयोगिता दोनों में सुधार हुआ है।

जनभागीदारी से ही संभव है जल संरक्षण का लक्ष्य: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार प्रदेश के सभी जल स्रोतों—बावड़ियों, कुंओं, तालाबों और सरोवरों—का जीर्णोद्धार और पुनर्जीवन योजनाबद्ध तरीके से कर रही है। उन्होंने ‘जल गंगा संवर्धन अभियान’ को जनआंदोलन बनाने की बात कही और सभी नागरिकों से इसमें सक्रिय सहभागिता देने का आह्वान किया।
इस अवसर पर लोकसभा सांसद आलोक शर्मा, विधायक रामेश्वर शर्मा, विधायक भगवान दास सबनानी, महापौर मालती राय, नगर निगम सभापति किशन सूर्यवंशी, कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह, नगर निगम आयुक्त, जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित रहे।
